Rabindranath Tagore Jayanti Celebration: कोलाकुसमा में झारखंड बांग्ला भाषा उन्नयन समिति ने मनाई टैगोर जयंती, साहित्यिक योगदान पर हुआ विचार-विमर्श
Rabindranath Tagore Jayanti Celebration: झारखंड बांग्ला भाषा उन्नयन समिति के तत्वावधान में शुक्रवार को Rabindranath Tagore Jayanti Celebration के अवसर पर धनबाद के बलियापुर रोड स्थित जेपी हॉस्पिटल सभागार में एक भावभीनी श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम कवि गुरु रवींद्रनाथ टैगोर की 164वीं जयंती पर उनकी साहित्यिक, सांस्कृतिक और दार्शनिक विरासत को सम्मान देने के उद्देश्य से आयोजित किया गया।
साहित्य, संगीत और विचारों की समृद्ध चर्चा
सभा की अध्यक्षता जेपी हॉस्पिटल के चेयरमैन प्रदीप मंडल ने की जबकि मुख्य वक्ता के रूप में बीसीसीएल के पूर्व मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. ए. एम. राय, डॉ. एन. एम. दास, समिति के संस्थापक बेंगू ठाकुर, तथा कोयलांचल विश्वविद्यालय की पूर्व विभागाध्यक्ष शर्मिला बनर्जी उपस्थित रहे। वक्ताओं ने टैगोर को न केवल एक कवि, बल्कि एक महान दार्शनिक, उपन्यासकार और समाज सुधारक के रूप में याद किया।
टैगोर की रचनाओं पर गहन विचार विमर्श
कार्यक्रम में विशेष रूप से टैगोर की रचना “चंडालिका” पर चर्चा की गई, जिसमें सामाजिक असमानता और मानवीय मूल्य विषय केंद्र में रहे। सभी वक्ताओं ने बारी-बारी से कवि गुरु के विचारों, लेखनी और उनके साहित्यिक योगदान पर प्रकाश डाला।
बांग्ला गीत-संगीत से सजी सांस्कृतिक संध्या
झारखंड की सांस्कृतिक धरती पर टैगोर की बांग्ला रचनाओं को भावपूर्ण ढंग से प्रस्तुत किया गया। गोविंदपुर और बलियापुर के कलाकारों ने उनके बंगला गान और नृत्य की प्रस्तुति दी, जिसने उपस्थित जनसमूह को भावविभोर कर दिया। कलाकारों में श्रुति चंद्र, अपर्णा नाथ, गोविंदो ठाकुर, सोमेंद्र नाथ दत्ता जैसे नाम शामिल रहे, जिन्होंने टैगोर की भावनाओं को मंच पर जीवंत कर दिया।
समिति के पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी रहे सक्रिय
इस आयोजन में धनबाद जिला समिति के अध्यक्ष सूचित रंजन मुखर्जी, संपादक पार्थो सारथी दत्ता, उपाध्यक्ष भवानी बंदोपाध्याय, युवा मोर्चा अध्यक्ष नित्यानंद मंडल, तथा तमाल राय, बुवाई दत्ता, और अनिल कुंभकार, मंजू दत्ता समेत सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने सक्रिय भागीदारी निभाई। मंच संचालन सुजाता रंजन द्वारा किया गया, जबकि स्वागत भाषण पार्थो सारथी दत्ता ने दिया और धन्यवाद ज्ञापन सुजीत रंजन ने किया।
निष्कर्ष
Rabindranath Tagore Jayanti Celebration ने दी टैगोर को समर्पित एक जीवंत श्रद्धांजलि
Rabindranath Tagore Jayanti Celebration के इस आयोजन ने न केवल कवि गुरु की स्मृति को सम्मानित किया, बल्कि उनके विचारों को जनमानस तक पहुंचाने का सफल प्रयास भी किया। यह कार्यक्रम एक साहित्यिक संगोष्ठी से आगे बढ़कर एक सांस्कृतिक आंदोलन का रूप लेता दिखा, जहां गीत, नृत्य, विचार और भावनाएं एक मंच पर एकत्रित होकर टैगोर की विचारधारा को जीवंत कर गईं। इस तरह के आयोजन समाज में साहित्य, संस्कृति और मूल्यों को पुनर्जीवित करने की प्रेरणा देते हैं।