National News || केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने देशभर में विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है। इस मुद्दे पर राजनीतिक माहौल और गरम हो गया है। कांग्रेस नेताओं प्रियंका गांधी वाड्रा और राहुल गांधी ने गुरुवार को अपने पहनावे के जरिए बड़ा संदेश दिया। राहुल गांधी नीली टीशर्ट में संसद पहुंचे, जबकि प्रियंका गांधी नीली साड़ी में दिखाई दीं। नीला रंग बहुजन आंदोलन का प्रतीक माना जाता है, और कांग्रेस ने इसे अपनाकर भाजपा और अमित शाह को घेरने की कोशिश की है।
संसद परिसर में विपक्षी दलों का प्रदर्शन
नीले रंग में दिखे विपक्षी नेता
प्रियंका और राहुल गांधी के नेतृत्व में संसद भवन परिसर के बाहर विपक्षी दलों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान “जय भीम, जय भीम” और “शाह माफी मांगो” जैसे नारे लगाए गए। इस प्रदर्शन में सपा सांसद रामगोपाल यादव और उद्धव सेना के संजय राउत भी शामिल हुए। संजय राउत नीली शर्ट में तो रामगोपाल यादव नीली जैकेट में नजर आए।
संजय राउत ने कहा,
“यदि अमित शाह से गलती हुई है, तो उन्हें माफी मांगने में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। बाबासाहेब आंबेडकर जैसी महान शख्सियत का अपमान सहन नहीं किया जा सकता।”
उन्होंने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि पार्टी के पास कोई काम नहीं बचा है और ऐसे मुद्दों पर राजनीति कर रही है।
भाजपा का जवाब: कांग्रेस पर पलटवार
केंद्रीय मंत्री गिरीराज सिंह का बयान
भाजपा ने कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए पलटवार किया। केंद्रीय मंत्री गिरीराज सिंह ने कहा,
“बाबासाहेब के सबसे बड़े अपमानकर्ता कांग्रेस है। इस पार्टी ने अपने पूरे खानदान को भारत रत्न दिलवाया, लेकिन बाबा साहब को अनदेखा किया।”
उन्होंने कांग्रेस से माफी मांगने और प्रायश्चित करने की मांग की। गिरीराज सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने ही बाबासाहेब को चुनाव में हराया और बार-बार उनका अपमान किया।
राजनीति और प्रतीकवाद की नई कड़ी
कांग्रेस का यह कदम, जिसमें नीला रंग बहुजन आंदोलन के प्रतीक के रूप में अपनाया गया, राजनीतिक रणनीति का एक हिस्सा माना जा रहा है। वहीं भाजपा इस मुद्दे पर कांग्रेस के इतिहास को लेकर सवाल उठा रही है।
बाबासाहेब के सम्मान की आड़ में सियासी खेल
यह पूरा विवाद बाबासाहेब आंबेडकर के सम्मान के नाम पर राजनीति का नया मैदान बन चुका है। जहां कांग्रेस भाजपा पर आंबेडकर के अपमान का आरोप लगा रही है, वहीं भाजपा कांग्रेस के पुराने इतिहास को निशाना बना रही है। दोनों पक्षों के तर्क और प्रदर्शन इस मुद्दे को और गर्माते जा रहे हैं।
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