National News: राज्यसभा सदस्य और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ को लेकर महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा कि गठबंधन के दलों को सार्वजनिक रूप से एकजुट दिखना चाहिए, न कि बिखरा हुआ, जैसा कि अक्सर नजर आता है। सिब्बल ने ज़ोर देते हुए कहा कि गठबंधन को एक सुसंगत नीति, वैचारिक ढांचे और स्पष्ट कार्यक्रम पर कार्य करने की जरूरत है ताकि यह प्रभावी ढंग से आगे बढ़ सके।
विधानसभा चुनावों में आपसी मतभेद पर जताई चिंता
हाल ही में संपन्न राज्य विधानसभा चुनावों में विपक्षी दलों के बीच हुए टकराव का जिक्र करते हुए सिब्बल ने कहा कि यह गठबंधन के लिए नुकसानदायक हो सकता है। उन्होंने कहा कि ‘इंडिया’ गठबंधन को भविष्य के लिए एक स्पष्ट और ठोस योजना तैयार करनी होगी ताकि यह एक मजबूत विकल्प के रूप में उभर सके।
राष्ट्रीय मुद्दों पर होनी चाहिए एकरूपता
सिब्बल ने यह भी कहा कि विपक्ष को राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर एक समान सोच और दृष्टिकोण अपनाना होगा। उन्होंने कहा कि जब तक गठबंधन के पास कोई संयुक्त प्रवक्ता नहीं होगा, जो उनकी नीतियों और विचारों को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत कर सके, तब तक गठबंधन को आगे बढ़ने में कठिनाई होगी।
‘इंडिया’ गठबंधन का भविष्य मजबूत, लेकिन ज़रूरत है स्पष्ट रणनीति की
सिब्बल ने विपक्षी गठबंधन के भविष्य को लेकर आशावाद जताया लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि गठबंधन को अपनी रणनीति स्पष्ट करनी होगी और जनता के सामने मजबूत संदेश देना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक गठबंधन एक ठोस वैचारिक ढांचा और कार्ययोजना नहीं अपनाता, तब तक उसकी प्रभावशीलता पर सवाल उठते रहेंगे।
वक्फ (संशोधन) विधेयक और एनडीए की रणनीति
मौजूदा बजट सत्र के दौरान प्रस्तावित वक्फ (संशोधन) विधेयक पर प्रतिक्रिया देते हुए सिब्बल ने कहा कि यह देखना दिलचस्प होगा कि एनडीए गठबंधन के सहयोगी इस पर क्या रुख अपनाते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा के पास संसद में पूर्ण बहुमत नहीं है, इसलिए यह देखना होगा कि बिहार चुनावों को देखते हुए एनडीए इस विधेयक को पेश करने में कितनी तत्परता दिखाता है।
परिसीमन मुद्दे पर गंभीर निहितार्थ
सिब्बल ने परिसीमन के विवादित मुद्दे पर भी अपनी राय रखी और कहा कि इसका देश की राजनीति पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। उन्होंने बताया कि इसी कारण तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने हाल ही में एक बैठक बुलाई थी, जिसमें कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि इस विषय पर सभी विपक्षी दलों को संयुक्त रणनीति बनानी होगी ताकि लोकतांत्रिक संतुलन बना रहे।
क्या विपक्ष कर पाएगा मजबूत वापसी?
कपिल सिब्बल के इन बयानों से साफ है कि ‘इंडिया’ गठबंधन को अपनी आंतरिक कमजोरियों को दूर कर जनता के सामने एक ठोस और एकजुट विकल्प के रूप में प्रस्तुत करना होगा। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि विपक्षी दल इस दिशा में क्या ठोस कदम उठाते हैं और आगामी चुनावों में किस तरह की रणनीति अपनाते हैं।
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