नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा है कि NEET-UG परीक्षा में सिस्टमेटिक ब्रीच नहीं हुआ है यानी इस परीक्षा में सिलसिलेवार गड़बडिय़ां नहीं मिली हैं। पेपर केवल दो सेंटर पटना और हजारीबाग में लीक हुआ। कोर्ट ने NTA की मॉनिटरिंग के लिए बनाई गई एक्सपर्ट कमेटी से कहा है कि वह NEET के लिए SOP तैयार करे। साथ ही साइबर सिक्योरिटी में खामियों की पहचान भी करे। कमेटी से 30 सितंबर तक जवाब मांगा गया है। केंद्र सरकार ने एनटीए के पूरे सिस्टम की जांच के लिए 22 जून को इसरो के पूर्व चेयरमैन के राधाकृष्णनन की अगुआई में एक्सपर्ट कमेटी बनाने की घोषणा की थी।
कोर्ट ने कमेटी से 8 पॉइंट्स पर काम करने को कहा
कोर्ट ने इस कमेटी से 8 पॉइंट्स पर काम करने को कहा है। एनटीए के स्ट्रक्चर में इसी साल सुधार करे कोर्ट ने कमेटी के सुझावों के आधार पर शिक्षा मंत्रालय एनटीए की वर्किंग में सुधार के लिए एक महीने में प्रोग्राम तैयार करने को कहा है। 30 सितंबर के बाद अगले दो हफ्तों में शिक्षा मंत्रालय से प्रोग्रेस रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार इसी साल एनटीए के स्ट्रक्चर की सारी खामियों का निपटारा करे। एनटीए ने आंसर की में बदलाव किया, एक सेंटर पर कंट्रोल रूम की सिक्योरिटी से समझौता होने दिया, एग्जाम सेंटर पर देरी होने से ग्रेस माक्र्स दे दिए जिससे 44 स्टूडेंट्स को 720/720 स्कोर मिला। एनटीए इस तरह से काम नहीं कर सकता। अगले साल स्टूडेंट्स को परेशानी नहीं आनी चाहिए।