ऑपरेशन सिंदूर सर्वदलीय बैठक: राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोपरि, कार्रवाई तब तक जारी जब तक खतरा खत्म न हो- रक्षा मंत्री
ऑपरेशन सिंदूर सर्वदलीय बैठक: मोदी सरकार की सर्वदलीय बैठक में दिखी एकजुटता
ऑपरेशन सिंदूर सर्वदलीय बैठक: हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के तहत की गई एयरस्ट्राइक के बाद देश की सुरक्षा स्थिति पर केंद्र सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई। इस महत्वपूर्ण बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि देश की सुरक्षा सर्वोपरि है और जब तक आतंकवाद का खतरा पूरी तरह समाप्त नहीं हो जाता, कार्रवाई जारी रहेगी।
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और आगे की रणनीति
रक्षा मंत्री ने जानकारी दी कि अब तक की कार्रवाई में करीब 100 आतंकियों को ढेर किया गया है और अभी भी करीब 12 आतंकी ठिकानों पर नजर रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि कार्रवाई का अगला चरण रणनीतिक रूप से तय किया जाएगा। रक्षा मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि कुछ तकनीकी और गोपनीय जानकारी फिलहाल साझा नहीं की जा सकती है।
विपक्ष ने दिखाई एकजुटता, दिया समर्थन
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बैठक के बाद कहा कि संकट की घड़ी में विपक्ष केंद्र सरकार के साथ है। उन्होंने कहा, “राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों में हम कोई राजनीति नहीं करेंगे।” राहुल गांधी ने भी कहा कि कांग्रेस ने मोदी सरकार को पूर्ण समर्थन दिया है।
विपक्षी नेताओं ने रखे रचनात्मक सुझाव
एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सेना के शौर्य की सराहना करते हुए कहा कि टीआरएफ (द रेजिस्टेंस फ्रंट) के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मुहिम छेड़ने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारत को संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, ब्रिटेन और एफएटीएफ के माध्यम से पाकिस्तान पर दबाव बनाना चाहिए ताकि वह दोबारा ग्रे लिस्ट में डाला जाए।
कौन-कौन रहा बैठक में शामिल
बैठक की अध्यक्षता राजनाथ सिंह ने की और इसमें गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, विदेश मंत्री एस जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, सहित तमाम दलों के प्रमुख नेता शामिल हुए। विपक्ष की ओर से रामगोपाल यादव, टीआर बालू, असदुद्दीन ओवैसी, सुदीप्त बंदोपाध्याय, श्रीकांत शिंदे, संजय सिंह, जॉन ब्रिटास, चिराग पासवान, सस्मित पात्रा जैसे नेताओं ने भाग लिया।
निष्कर्ष
ऑपरेशन सिंदूर सर्वदलीय बैठक 2025 में भारत की राजनीतिक एकजुटता और राष्ट्र की सुरक्षा को लेकर सरकार की दृढ़ता साफ नजर आई। पाकिस्तान को यह स्पष्ट संदेश गया कि भारत अब किसी भी आतंकी गतिविधि पर चुप नहीं बैठेगा और दस गुना ताकत से जवाब देगा। यह बैठक भारत के सामूहिक संकल्प और रणनीतिक सोच की मिसाल बन गई है।