PM Modi News || प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से हर साल ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के उर्स के मौके पर अजमेर शरीफ की दरगाह के लिए चादर भेजी जाती है। यह परंपरा 1947 से चली आ रही है और इस साल लगातार 11वां वर्ष है जब प्रधानमंत्री ने इस परंपरा को निभाया है।
गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी ने अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजीजू और बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी को यह चादर सौंपी। इसके बाद केंद्रीय मंत्री रिजीजू ने दिल्ली स्थित हजरत निजामुद्दीन औलिया की दरगाह पर इस चादर को पेश किया। बाद में इसे अजमेर शरीफ दरगाह पर ख्वाजा गरीब नवाज के 813वें उर्स के अवसर पर चढ़ाया जाएगा।
ख्वाजा गरीब नवाज उर्स और श्रद्धालुओं की आस्था
अजमेर शरीफ दरगाह पर हर साल ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के उर्स के मौके पर देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु पहुंचते हैं। इस अवसर पर चादर चढ़ाने की परंपरा को विशेष महत्व दिया जाता है। श्रद्धालु ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पर अपनी मन्नतें मांगते हैं और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजीजू ने इस मौके को अपनी खुशकिस्मती बताया और कहा, “प्रधानमंत्री द्वारा भेजी गई चादर को पेश करना और अजमेर शरीफ ले जाना मेरे लिए सम्मान की बात है।”
चादर चढ़ाने की परंपरा का महत्व
यह परंपरा न केवल धार्मिक आस्था को दर्शाती है, बल्कि राष्ट्रीय एकता और सौहार्द का भी प्रतीक है। प्रधानमंत्री द्वारा चादर भेजना यह संदेश देता है कि भारत की सांस्कृतिक विविधता और धार्मिक समरसता को हमेशा महत्व दिया जाता है।
इस ऐतिहासिक परंपरा के तहत हर साल ख्वाजा गरीब नवाज के प्रति श्रद्धा और सम्मान प्रकट किया जाता है। प्रधानमंत्री मोदी का यह कदम न केवल अल्पसंख्यक समुदाय के प्रति उनकी संवेदनशीलता को दर्शाता है, बल्कि भारत के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को भी सशक्त बनाता है।