Mother’s Day Celebration in School: भावनाओं, संस्कारों और सम्मान से भरा रहा धनबाद में मदर्स डे का आयोजन
Mother’s Day Celebration in School: मां के बिना अधूरी है दुनिया, बच्चों ने दी मातृत्व को संगीतमय श्रद्धांजलि
Mother’s Day Celebration in School: धनबाद के बिशनपुर स्थित द्वारिका मेमोरियल फाउंडेशन एकेडमी में Mother’s Day Celebration in School के तहत शुक्रवार को एक भावपूर्ण और रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विद्यालय प्रशासन ने छात्र-छात्राओं की माताओं को विशेष रूप से आमंत्रित किया और कार्यक्रम को पूरी तरह मातृत्व के सम्मान को समर्पित किया।
दीप प्रज्वलन से हुई शुरुआत, माताओं का हुआ आत्मीय स्वागत
कार्यक्रम की शुरुआत प्राचार्य मदन कुमार सिंह, उप प्राचार्या पुष्पा सिंह, वरिष्ठ शिक्षिका शशि सिन्हा, तथा हेड बॉय आदित्य राज झा की माता आरती झा के करकमलों से दीप प्रज्वलित कर की गई। उद्घाटन के बाद चार उद्घोषकों श्रेयसागर, नागेश्वर, दीक्षा और मौली ने मंच का संचालन संभालते हुए कार्यक्रम की गरिमा को और बढ़ाया।
बच्चों की प्रस्तुति ने भावुक किया माहौल
छात्राओं ने अपनी माताओं के लिए दिल को छू लेने वाली सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दीं। कक्षा 4 की छात्राओं ने “मेरी मां मम्मा”, कक्षा 3 की छात्राओं ने “पास बुलाती है”, कक्षा 5 की छात्राओं ने “क्या मांगे वह बेटा”, कक्षा 6 की छात्राओं ने “मैं कभी बतलाता नहीं”, कक्षा 7 की छात्राओं ने “ओ मेरी मां तू है”, और कक्षा 8 की छात्राओं ने “मां तेरी चुनरिया” पर सुंदर नृत्य प्रस्तुत कर उपस्थित माताओं को भावविभोर कर दिया।
नाट्य प्रस्तुति में उभरा सामाजिक संदेश
कक्षा 9 के छात्रों ने एक मार्मिक लघु नाटक प्रस्तुत किया जिसमें आज के बेटे द्वारा मां की उपेक्षा और फिर पश्चाताप का चित्रण किया गया। शुभम ने बेटे की भूमिका में दर्शकों का दिल जीत लिया। वहीं कक्षा 10 की छात्राओं ने मां और बेटी के संघर्ष और उनके रिश्ते को केंद्र में रखते हुए एक एकांकी का मंचन किया, जिसने दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर दिया।
माताओं के लिए भी हुए प्रतियोगिताएं
कार्यक्रम का सबसे खूबसूरत पहलू रहा माताओं के लिए आयोजित विशेष गतिविधियां, जिसमें उन्होंने उत्साहपूर्वक भाग लिया। गायन प्रतियोगिता में गुंजा कुमारी ने प्रथम, अनु यादव ने द्वितीय और आरती देवी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। क्विज प्रतियोगिता में प्रीति सिंहा प्रथम, शांति कुंडू द्वितीय और प्रियंका कुमारी तृतीय रहीं। विजेताओं को पुरस्कार स्वरूप उपहार प्रदान किए गए।
शिक्षकों का मार्गदर्शन और प्रेरक संदेश
संगीत शिक्षक विजय शंकर उपाध्याय के निर्देशन में साधना, कोमल और यशराज ने भावपूर्ण गायन प्रस्तुत किया, जबकि नृत्य शिक्षिका श्रावणी ने पूरे कार्यक्रम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। प्राचार्य मदन कुमार सिंह ने कहा कि “मां प्रेरणा की मूर्ति होती है, जिसकी छांव में ही बच्चे अपने जीवन का सही मार्ग पाते हैं।” उप प्राचार्या पुष्पा सिंह ने कहा कि “माता-पिता का आशीर्वाद ही जीवन की सबसे बड़ी पूंजी है।”