Ranchi News: झामुमो के 13वें महाधिवेशन में ऐतिहासिक फैसला, पार्टी को नई ऊर्जा और दिशा देने का संकल्प
Ranchi News: झारखंड की सियासत में मंगलवार का दिन एक नए युग की शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के 13वें महाधिवेशन के दूसरे दिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पार्टी का केंद्रीय अध्यक्ष घोषित किया गया। यह निर्णय न सिर्फ संगठनात्मक दृष्टि से अहम है, बल्कि झारखंड की राजनीति में भी एक बड़ा मोड़ साबित हो सकता है।
शिबू सोरेन से हेमंत सोरेन तक: नेतृत्व का उत्तराधिकार
झामुमो के संस्थापक अध्यक्ष शिबू सोरेन ने मंच से ऐलान किया कि अब उनके पुत्र हेमंत सोरेन पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष होंगे। उन्होंने कहा, “हेमंत को आशीर्वाद दीजिए, अब वही पार्टी को नई दिशा देंगे।” इसी के साथ शिबू सोरेन को पार्टी का “संस्थापक संरक्षक” घोषित किया गया। इससे पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष की व्यवस्था को भी समाप्त कर दिया गया था।
आंदोलनकारियों को आर्थिक मदद और महिला नेतृत्व को प्राथमिकता
केंद्रीय अध्यक्ष बनने के बाद हेमंत सोरेन ने महाधिवेशन को संबोधित करते हुए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि झामुमो से जुड़े प्रत्येक आंदोलनकारी को एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसके लिए कार्यकर्ताओं से वीडियो संदेश और नाम भेजने की अपील की गई। साथ ही, उन्होंने कहा कि पार्टी में अब महिलाओं को अधिक जिम्मेदारी दी जाएगी और उन्हें जिला अध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पदों पर भी नियुक्त किया जाएगा।
2029 के चुनाव को लेकर कार्यकर्ताओं में जोश भरने की अपील
हेमंत सोरेन ने कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि वे 2029 के चुनाव से पहले ही ऐसा माहौल बना दें कि विरोधियों को अपनी हार नजर आने लगे। उन्होंने पार्टी अनुशासन को सर्वोपरि बताते हुए कहा कि अब कोई गलती की गुंजाइश नहीं है। उन्होंने कहा कि झामुमो सिर्फ एक पार्टी नहीं बल्कि एक विचार है, जिसे पूरे देश में फैलाना है।
सामाजिक सौहार्द और विकास पर ज़ोर
हेमंत ने अपने भाषण में कहा कि राज्य में सौहार्दपूर्ण वातावरण बने बिना विकास संभव नहीं है। उन्होंने जातिगत भेदभाव, दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों पर हो रहे अत्याचार पर चिंता जताई और कहा कि हमें सदियों पुराने सामाजिक ताने-बाने को सुरक्षित रखना होगा। साथ ही चेतावनी दी कि जो भी सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश करेगा, उसे सख्त सबक सिखाया जाएगा।
संगठन और सरकार की दोहरी जिम्मेदारी
हेमंत सोरेन अब चौथी बार मुख्यमंत्री होने के साथ-साथ झामुमो के चौथे केंद्रीय अध्यक्ष भी बन गए हैं। यह उनके लिए न सिर्फ राजनीतिक जिम्मेदारी का विस्तार है, बल्कि उनके नेतृत्व कौशल की परीक्षा भी है। झामुमो की स्थापना 1972 में विनोद बिहारी महतो ने की थी, इसके बाद 1984 में शिबू सोरेन अध्यक्ष बने और करीब 40 वर्षों तक पार्टी की कमान संभाली। अब यह विरासत हेमंत सोरेन के हाथों में है, जिन्हें झारखंड की दिशा और दशा दोनों तय करनी है।