रायसीना डायलॉग 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में आयोजित 10वें रायसीना डायलॉग का उद्घाटन करने से पहले न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन का गर्मजोशी से स्वागत किया। यह तीन दिवसीय वैश्विक सम्मेलन 19 मार्च तक चलेगा, जिसमें 125 देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री लक्सन इस आयोजन के मुख्य अतिथि हैं।
भारत-न्यूजीलैंड संबंधों को मजबूत करने की पहल
पीएम मोदी ने उद्घाटन से पहले भारत-न्यूजीलैंड के बीच कई महत्वपूर्ण समझौतों की घोषणा की। उन्होंने कहा कि भारत इंडो-पैसिफिक ओशन इनिशिएटिव से न्यूजीलैंड के जुड़ने का स्वागत करता है। हमारा दृष्टिकोण विस्तारवाद नहीं, बल्कि विकासवाद पर आधारित है।
महत्वपूर्ण द्विपक्षीय समझौते
1. आतंकवाद के खिलाफ सहयोग:
भारत और न्यूजीलैंड ने आतंकवाद से निपटने के लिए संयुक्त रूप से काम करने और आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने पर सहमति जताई।
2. व्यापार और निवेश:
न्यूजीलैंड का भारत में निवेश बढ़ाने के लिए एक विशेष समझौता किया गया, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध और मजबूत होंगे। इसके अलावा, कुशल श्रमिकों को बढ़ावा देने के लिए भी एक करार हुआ।
3. शिक्षा क्षेत्र में सहयोग:
भारत में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए न्यूजीलैंड की यूनिवर्सिटीज को भारत में अपने कैंपस खोलने की अनुमति दी गई। इससे भारतीय छात्रों को वैश्विक स्तर की शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।
4. खेलों में सहयोग:
भारत और न्यूजीलैंड ने खेलों में साझेदारी बढ़ाने पर सहमति जताई। इसमें कोचिंग, स्पोर्ट्स साइंस, साइकोलॉजी और मेडिसिन के क्षेत्रों में सहयोग को प्राथमिकता दी जाएगी। साथ ही, 2026 में दोनों देशों के बीच खेल संबंधों के 100 वर्ष पूरे होने का भव्य जश्न मनाने का निर्णय लिया गया।
रायसीना डायलॉग क्या है?
रायसीना डायलॉग की शुरुआत 2016 में हुई थी, जिसे सिंगापुर के शांगरी-ला डायलॉग की तर्ज पर विकसित किया गया। यह एक वैश्विक मंच है, जहां दुनिया भर के विदेश मंत्री, नीति-निर्माता, विशेषज्ञ और विचारक अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करते हैं।
इस वर्ष रायसीना डायलॉग का थीम “कालचक्र – पीपुल, पीस एंड प्लैनेट” है। इस सम्मेलन में 20 देशों के विदेश मंत्री, यूक्रेन के विदेश मंत्री आंद्रई सिबिहा सहित कई महत्वपूर्ण हस्तियां भाग ले रही हैं। इसका उद्देश्य वैश्विक कूटनीति को नया आयाम देना और अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों पर विचार-विमर्श करना है।
रायसीना डायलॉग 2024 भारत की बढ़ती वैश्विक भूमिका और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।