Sambhal News: संभल में जामा मस्जिद सर्वेक्षण के दौरान हिंसा, दो की मौत, कई घायल

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Sambhal News: रविवार को संभल की जामा मस्जिद में स्थानीय कोर्ट के आदेश पर चल रहे सर्वेक्षण कार्य के दौरान हिंसा भड़क उठी। सर्वेक्षण के बीच कुछ असामाजिक तत्वों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी, जिससे हालात बिगड़ गए। पुलिस ने स्थिति को काबू में करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और बल प्रयोग किया। इस घटना में 20 से अधिक पुलिसकर्मी और दो दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए। वहीं, दो लोगों की मौत की भी सूचना है।

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स्थिति पर नियंत्रण के लिए सख्ती

पुलिस के मुताबिक, विवादित स्थल पर एडवोकेट कमिश्नर द्वारा सुबह 7 बजे सर्वेक्षण शुरू किया गया था। सर्वेक्षण के दौरान भारी भीड़ जमा हो गई और अचानक कुछ उपद्रवियों ने पुलिस टीम पर पत्थरबाजी शुरू कर दी। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग किया और आंसू गैस के गोले दागे।

हिंसा में बाइकों में आग लगाने की कोशिश

घटना के दौरान कुछ उपद्रवियों ने सड़क किनारे खड़ी बाइकों को आग के हवाले करने की कोशिश की। इसके बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 10 लोगों को हिरासत में लिया और स्थिति पर नियंत्रण पाने के प्रयास किए।

सर्वेक्षण से जुड़ा विवाद

जानकारी के अनुसार, स्थानीय कोर्ट में दाखिल एक याचिका में दावा किया गया है कि जामा मस्जिद की जमीन पर पहले हरिहर मंदिर था। इसी दावे की जांच के लिए कोर्ट के आदेश पर जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया जा रहा है। गत मंगलवार को भी एक बार सर्वेक्षण किया गया था, जिसके बाद से इलाके में तनाव का माहौल बना हुआ था।

घायलों की स्थिति और कार्रवाई

पथराव में घायल हुए कई पुलिसकर्मियों में से कुछ को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने बताया कि ड्रोन और सीसीटीवी फुटेज की मदद से हिंसा में शामिल उपद्रवियों की पहचान की जा रही है। पथराव करने वालों और उन्हें उकसाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

प्रशासन ने अपील की शांति बनाए रखने की

प्रशासन ने स्थानीय लोगों से शांति और संयम बनाए रखने की अपील की है। अधिकारी ने कहा कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी और क्षेत्र में शांति व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।

निष्कर्ष

संभल में जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हुई हिंसा ने प्रशासन और कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। कोर्ट के आदेश के तहत हो रहे सर्वेक्षण में बार-बार हिंसा होना एक गंभीर मुद्दा है। प्रशासन की चुनौती अब न केवल दोषियों को सजा दिलाना है, बल्कि क्षेत्र में स्थायी शांति सुनिश्चित करना भी है।