Share Bazar News || गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी गई। यह गिरावट मुख्य रूप से अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में कटौती की गति धीमी करने के संकेतों और वैश्विक बाजारों से मिले कमजोर संकेतों के कारण हुई। अमेरिकी बाजारों में गिरावट का प्रभाव भारतीय बाजार पर भी पड़ा। बीएसई सेंसेक्स ने करीब 1,000 अंकों की गिरावट के साथ कारोबार की शुरुआत की, जबकि निफ्टी भी 282 अंकों की गिरावट के साथ खुला।
बाजार के आंकड़े: सेंसेक्स और निफ्टी में भारी गिरावट
- बीएसई सेंसेक्स: सुबह 921.28 अंक (1.15%) गिरकर 79,260.92 पर कारोबार कर रहा था।
- निफ्टी 50: 282.35 अंक (1.17%) गिरकर 23,916.50 पर पहुंचा।
- निवेशकों का नुकसान: बीएसई सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 5.94 लाख करोड़ रुपये घटकर 446.66 लाख करोड़ रुपये रह गया।
प्रमुख कंपनियों के शेयरों पर असर
गिरावट के बीच प्रमुख कंपनियों के शेयरों में भी गिरावट दर्ज की गई:
- बैंकों में: एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एसबीआई और कोटक बैंक।
- आईटी कंपनियां: इन्फोसिस, विप्रो, एलटीआईमाइंडट्री और एमफेसिस के शेयर 5% तक गिरे।
- अन्य प्रमुख कंपनियां: रिलायंस इंडस्ट्रीज, महिंद्रा एंड महिंद्रा, बजाज फाइनेंस।
वैश्विक बाजारों का प्रभाव
अमेरिकी बाजार का असर
फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में केवल 0.25% की कमी और भविष्य में कटौती की गति धीमी करने के संकेत ने निवेशकों को सतर्क कर दिया।
- डॉव जोन्स: 1,100 अंकों की गिरावट के साथ बंद हुआ।
- वॉल स्ट्रीट: लगातार दसवें दिन गिरावट।
एशिया-पैसिफिक बाजार पर असर
एशिया के शेयर बाजारों में भी गिरावट रही। जापान के बैंक ऑफ जापान ने अपनी ब्याज दर 0.25% पर स्थिर रखी, लेकिन वैश्विक बिकवाली का असर यहां भी दिखा।
भारतीय बाजार पर अन्य दबाव
डॉलर-रुपया विनिमय दर का प्रभाव
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया। इससे बाजार पर अतिरिक्त दबाव बना।
इंडिया VIX में उछाल
गिरावट के बीच, इंडिया VIX इंडेक्स 5% उछलकर 14.37 पर पहुंचा। यह बाजार में अस्थिरता और निवेशकों के सतर्क रवैये का संकेत देता है।
फेडरल रिजर्व का निर्णय और उसके प्रभाव
अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने लगातार तीसरी बार ब्याज दर में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की, जिससे दरें 4.25%-4.5% के बीच आ गईं।
- आगे की योजना: फेड ने साल 2025 में केवल दो बार ब्याज दरों में कटौती की संभावना जताई है, जो सितंबर में चार कटौती की उम्मीद के मुकाबले काफी कम है।
- निवेशकों की प्रतिक्रिया: ब्याज दर कटौती धीमी होने की खबर ने निवेशकों को निराश किया, जिससे वैश्विक बाजारों में बिकवाली बढ़ी।
निवेशकों के लिए सतर्कता जरूरी
भारतीय शेयर बाजार में गुरुवार की भारी गिरावट वैश्विक आर्थिक स्थितियों और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के निर्णयों का परिणाम है। बाजार में अस्थिरता जारी रहने की संभावना है, और निवेशकों को सतर्कता बरतने की जरूरत है। विशेषज्ञों का मानना है कि भविष्य में ब्याज दरों और वैश्विक बाजार की स्थिति में सुधार के बाद बाजार फिर से स्थिर हो सकता है।