Sindri News || सावित्रीबाई फुले की जयंती का भव्य आयोजन
दिनांक 3 जनवरी 2025 को सिन्दरी के विरसा मुंडा परिसर रंगामाटि में बुद्धिजीवी जन कल्याण मंच और अखिल भारतीय अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग समन्वय काउंसिल के संयुक्त तत्वावधान में भारत की प्रथम शिक्षिका सावित्रीबाई फुले की जयंती बड़े उत्साह और धूमधाम से मनाई गई।
कार्यक्रम की शुरुआत
इस कार्यक्रम की शुरुआत स्वतंत्रता सेनानी और क्रांति के नायक विरसा मुंडा को माल्यार्पण कर उन्हें नमन करने के साथ हुई। इसके बाद सावित्रीबाई फुले के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। मुख्य अतिथि पूर्व विधायक और शिक्षाविद आदरणीय आनंद महतो, सेवानिवृत्त न्यायाधीश आदरणीय शिवदास नारायण महाजन, प्रदेश अध्यक्ष आदरणीय ब्रिजकिशोर राम, प्रोफेसर बी. एन. राय, प्रो. डॉ. अनिल रजक, प्रो. डॉ. जीतू कुजूर, डॉ. सी. ठाकुर, श्रीमती सुभद्रा चौधरी और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने पुष्पांजलि अर्पित की।
आनंद महतो का संदेश: शिक्षा का महत्व
मुख्य अतिथि आनंद महतो जी ने अपने संदेश में कहा,
“शिक्षा स्वर्ग का द्वार खोलती है और आत्मज्ञान प्राप्त करने का सर्वोत्तम साधन है।”
उन्होंने शिक्षा को समाज के विकास का सबसे महत्वपूर्ण आधार बताया।
महिला सशक्तिकरण पर जोर
सेवानिवृत्त न्यायाधीश आदरणीय शिवदास नारायण महाजन ने कहा,
“सावित्रीबाई फुले का जीवन महिला सशक्तिकरण को समर्पित था। उन्होंने सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाकर समाज को नई दिशा दी।”
सावित्रीबाई: एक कवयित्री और दार्शनिक
प्रदेश अध्यक्ष आदरणीय ब्रिजकिशोर राम ने उनके योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा,
“सावित्रीबाई फुले केवल समाज सुधारक ही नहीं थीं, बल्कि एक महान दार्शनिक और कवयित्री भी थीं।”
सम्मान और उपहार वितरण
कार्यक्रम के दौरान अतिथियों और शिक्षाविदों को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया। छात्राओं को गिफ्ट प्रदान किए गए, जिससे उत्साह और बढ़ा।
प्रमुख योगदानकर्ता
कार्यक्रम को सफल बनाने में मंच के महासचिव सुरेश प्रसाद, सचिव विनोद राम, उपाध्यक्ष त्रिभुवन चौधरी, महासचिव मदन प्रसाद और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने अपनी अहम भूमिका निभाई। इसके अतिरिक्त समाजसेवी, शिक्षक और अनेक क्षेत्रीय लोग कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का समापन सावित्रीबाई फुले के विचारों और आदर्शों को अपनाने का संकल्प लेकर किया गया।