नई दिल्ली: यूपीएससी ने लेटरल एंट्री से होने वाली नियुक्ति के प्रस्ताव को रद्द कर दिया है। यूपीएससी ने 17 अगस्त को लेटरल एंट्री के जरिए 45 पोस्ट के लिए वैकेंसी निकाली थी। केंद्रीय कार्मिक मंत्री जितेंद्र सिंह ने मंगलवार 20 अगस्त को यूपीएससी चेयरमैन से नोटिफिकेशन रद्द करने को कहा। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के कहने पर यह फैसला लिया गया है। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा था कि लेटरल एंट्री में आरक्षण का प्रावधान नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया था- लेटरल एंट्री के जरिए खुलेआम SC-ST और OBC वर्ग का हक छीना जा रहा है। मोदी सरकार RSS वालों की लोकसेवकों में भर्ती कर रही है। राहुल के आरोप के जवाब में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि 1976 में पूर्व PM मनमोहन सिंह को लेटरल एंट्री के जरिए ही फाइनेंस सेक्रेटरी बनाया गया था। इसी तरह मोंटेक सिंह अहलूवालिया को योजना आयोग का उपाध्यक्ष और सोनिया गांधी को नेशनल एडवाइजरी काउंसिल (NAC) चीफ बनाया गया। मेघवाल ने कहा कि लेटरल एंट्री की शुरुआत की कांग्रेस ने थी। अब PM मोदी ने यूपीएससी को नियम बनाने का अधिकार देकर सिस्टम को व्यवस्थित किया है। पहले की सरकारों में लेटरल एंट्री का कोई फॉर्मल सिस्टम नहीं था।
राहुल बोले- हर हाल में आरक्षण की रक्षा करेंगे
राहुला गांधी ने मंगलवार को सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि लेटरल एंट्री जैसी साजिशों का विरोध किया जाएगा। साथ ही संविधान और आरक्षण व्यवस्था की हर कीमत पर रक्षा करेंगे। राहुल ने अपने संसदीय क्षेत्र रायबरेली की यात्रा के दौरान भी इस बात को दोहराया था।