Dhanbad News || भारतीय संविधान के शिल्पकार डॉ. भीमराव अंबेडकर, जिन्हें पूरे देश में बाबा साहेब के नाम से जाना जाता है, हर वर्ग के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। वह न केवल भारत के संविधान निर्माता थे, बल्कि उन्होंने समानता, सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों को सशक्त किया। हाल ही में उनकी गरिमा को ठेस पहुँचाने वाले बयानों पर देशभर में आक्रोश देखने को मिल रहा है। इस संदर्भ में कांग्रेस की स्टार प्रचारक और लोकप्रिय नेत्री अनुपमा सिंह ने अपनी आवाज बुलंद की है।
संविधान निर्माता का सम्मान हमारा धर्म
जोड़ापोखर स्थित आवासीय कार्यालय में जनता और विभिन्न संगठनों द्वारा अनुपमा सिंह का भव्य स्वागत किया गया। इस अवसर पर उन्होंने जनता दरबार में विभिन्न समस्याओं को सुना और संबंधित अधिकारियों से चर्चा कर उनका समाधान निकालने का प्रयास किया।
अनुपमा सिंह ने भाजपा सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि सत्ता के मद में चूर सरकार लगातार गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणियां कर रही है। गृह मंत्री द्वारा लोकतंत्र के मंदिर में संविधान निर्माता बाबा साहब पर आपत्तिजनक टिप्पणी करना देशवासियों के आत्मसम्मान को चोट पहुँचाने जैसा है।
माफी और कार्रवाई की मांग
अनुपमा सिंह ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि देश के नागरिक किसी भी हाल में बाबा साहब का अपमान सहन नहीं करेंगे। उन्होंने संसद में गृह मंत्री अमित शाह से माफी मांगने की मांग की और प्रधानमंत्री से इस घटना का गंभीरता से संज्ञान लेते हुए गृह मंत्री को बर्खास्त करने का आग्रह किया।
बाबा साहब की विरासत का सम्मान
डॉ. भीमराव अंबेडकर न केवल कांग्रेस पार्टी बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणास्रोत हैं। वह 100 करोड़ से अधिक वंचित, उपेक्षित, शोषित, दलित, और पिछड़े वर्गों के लिए भगवान की तरह पूजनीय हैं। सामाजिक समरसता, धर्मनिरपेक्षता और न्यायप्रियता की भावना से प्रेरित हर व्यक्ति उन्हें आदर्श मानता है।
कांग्रेस की लड़ाई जारी रहेगी
अनुपमा सिंह ने आश्वासन दिया कि कांग्रेस पार्टी संविधान और बाबा साहब के सम्मान के लिए सड़क से लेकर संसद तक संघर्ष करती रहेगी। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई सिर्फ एक व्यक्ति या पार्टी की नहीं, बल्कि हर उस नागरिक की है, जो संविधान और लोकतंत्र में विश्वास करता है।
समर्थन देने वाले लोग
इस कार्यक्रम में वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं मुख्तार खान, शमशेर आलम, संतोष महतो, तारा पाठक, संतोष चौधरी, अशोक राय सहित कई अन्य कार्यकर्ता और सामाजिक संगठनों के सदस्य मौजूद रहे। इनके साथ-साथ गुलगुलिया विद्यालय के संस्थापक अनिल पांडे, बागडीगी ग्रामीण एकता मंच के नयन चक्रवर्ती और इम्तियाज आलम भी अपने साथियों के साथ उपस्थित थे।