आगामी चार सालों में 5 हजार रेल इंजनों में लगाए जाएंगे 4.0 सुरक्षा कवच : रेल मंत्री अश्वनी वेष्णव

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नई दिल्‍ली। देश में दौड़ रही ट्रेनों को सुरक्षित बनाने के लिए रेलवे लगातार प्रयास कर रहा है। इन्ही प्रयासों के बीच अब तय किया गया है कि हर एक 5 हजार रेल इंजनों में 4.0 सुरक्षा कवच लगाए जाएंगे और ये काम आगामी चार सालों में पूरा हो जाएगा। इस आशय की जानकारी खुद रेल मंत्री अश्वनी वेष्णव ने दी। उन्होंने बताया कि यात्रियों को सेफ्टी और सिक्‍योरिटी रेलवे की प्राथमिकता है। इसी कड़ी में ट्रेन हादसों को रोकने के लिए कवच 3.2 की जगह कचव 4.O अप्रूव हुआ है। अब रेलवे ट्रेनों, स्‍टेशनों और ट्रैकों पर कवच 4.O लगाया जाएगा। कचव 4.O तकनीक पूरी तरह से सुरक्षित है। इसका ट्रायल पहाड़ी इलाकों से लेकर समुद्री तट तक और बर्फबारी वाले इलाकों से लेकर घने जंगलों तक किया जा चुका है। सभी इलाकों में इसका ट्रायल सफल रहने के बाद आरडीएसाओ ने अप्रूवल दे दी है। इसके बाद रेलवे मंत्रालय ने दो और रूटों पर लगाने का फैसला किया है। भारतीय रेलवे में 20 हजार के करीब इंजन हैं। रेलवे के अनुसार हर साल करीब 5 हजार इंजनों पर कचव 4.O लगाया जाएगा। इस तरह अगले चार साल में सभी इंजन कचव 4.O से लैस हो जाएंगे। इसके साथ ही, ट्रैक और स्‍टेशन प्‍वाइंट पर भी कचव 4.O लगाया जाएगा। तीनों जगह कचव लगने के बाद ट्रेनों में टक्‍कर होने की संभावना खत्‍म हो जाएगी।
साथ ही मौजूदा समय देशभर में 52 वंदेभारत एक्‍सप्रेस चल रही हैं। यात्रियों की पसंदीदा ये ट्रेन सभी राज्‍यों को (पूर्वोत्‍तर को छोड़कर) कवर कर रही है। भारतीय रेलवे इन सभी ट्रेनों में यात्रियों की सेफ्टी से जुड़ा एक बड़ा बदलाव करने जा रही है, जिससे काफी हद तक इन ट्रेनों से सफर सुरक्षित हो सकेगा। यह बात स्‍वयं रेलमंत्री ने बताई है। रेल मंत्री ने बताया कि मौजूदा समय दौड़ रही 52 वंदेभारत एक्‍सप्रेस कचव से लैस हैं, लेकिन इनमें कचव 3.2 लगा हुआ है, लेकिन 4.0 अप्रूव होने के बाद वंदेभारत एक्‍सप्रेस को अपडेट किया जाएगा। इस तरह सभी ट्रेनों में लगे कचव को अपग्रेट किया जाएगा। हालांकि उन्‍होंने बताया कि इसमें ज्‍यादा समय नहीं लगेगा। जल्‍द ही इस दिशा में काम शुरू हो जाएगा। अब तक कवच 1,465 किमी। ट्रैक पर लग चुका है। साथ ही 121 इंजनों पर कचव लगाया गया है। आगरा मंडल ने कुछ इंजन और ट्रेन पर परीक्षण करने के लिए मथुरा (स्टेशन को छोड़कर) और पलवल के बीच 80 किलोमीटर लंबे सेक्‍शन पर कवच नेटवर्क तैयार कर दिया है।