धनबाद: कार्यालय विकास आयुक्त (हस्तशिल्प), वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार, हस्तशिल्प सेवा केंद्र, देवघर द्वारा आदिवासी हस्तशिल्पियों के साथ होटल सोनोटेल में शनिवार को एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित किया गया। कार्यशाला का उद्देश्य विकास आयुक्त (हस्तशिल्प), भारत सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं, जी एस टी, ऑनलाइन मार्केटिंग, उद्यमिता विकास, मुद्रा ऋण, गाँधी शिल्प बाजार, प्रदर्शनी, स्वयं सहायता समूह, ई-कॉमर्स पोर्टल, प्रधानमंत्री बीमा योजना, इत्यादि विषयों पर आमंत्रित विशेषज्ञ द्वारा विस्तृत जानकारी दी गई।
कार्यशाला के प्रथम सत्र में मुख्य अतिथि उपायुक्त धनबाद वरुण रंजन ने आश्वासन दिया कि प्रखण्ड स्तर पर हस्तशिल्पियों का डेटाबेस बना कर क्लस्टर बनाया जाएगा। बलियापुर के बांस क्लस्टर में हस्तशिल्पियों के लिए वर्कशेड की मांग की गई है, ज़िला प्रशासन का प्रयास होगा की जल्द से जल्द क्लस्टर में पर्याप्त सुविधा उपलब्ध कराई जाए। हस्तशिल्प विभाग द्वारा समर्थ योजना के तहत हस्तशिल्पियों को प्रशिक्षित किया जाना सहरहनीय पहल है जिससे निरंतर जारी रखा जाए। जिनको भी पूंजी की जरूरत है वो मुद्रा योजना अंतर्गत ऋण प्राप्त करने के लिए एलडीएम कार्यालय के माध्यम से आवेदन कर सकते है। ज़िला प्रशासन हस्तशिल्पियों के हरसंभव मदद के लिए तैयार है। अतिथियों का स्वगत सहायक निदेशकह स्तशिल्प भुवन भास्कर द्वारा अंग वस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर किया।मौके पर हस्तशिल्पियों को जीएम सीएसआर, सेल सीआरके सुधांशु, एलडीएम, अमित कुमार, महाप्रबंधक डीआईसी, राजेंद्र प्रसाद,प्रोफेसर विभाष चंद्रा, आईआईटी धनबाद, डीडीएम नाबार्ड रवि कुमार लोहानी, भुवन भास्कर, सहायक निदेशक हस्तशिल्प एवं ज़िला युवा पदाधिकरी, नेहरू युवा केन्द्र रवि कुमार द्वारा विभागीय स्तर पर संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी गई।कार्यक्रम के समापन समारोह में उपस्थित धनबाद सांसद पी. एन. सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार हस्तशिल्पियों को प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाएं का संचालन कर रही है। सुदूर क्षेत्र में वस्त्र मंत्रालय द्वारा आदिवासी युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने की पहल सहराहनीय है। उन्होंने जिक्र किया की जब वो राज्य के उद्योग मंत्री थे तो राज्य स्तर पर हस्तशिल्पियों के लिए कई योजनाऐं शुरू की गई थी। अब ज़मीनी स्तर पर ऐसे आकर्षित बांस उत्पाद देखकर काफ़ी खुशी मिलती है। अच्छे कार्य निरंतर बने रहने चाहिए तभी समाज में समृद्धि आएगी एवं देश स्तर पर कोलांचल की पहचान हस्तशिल्प के लिए होगी। खासकर एसटी महिलाओं को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए ताकि उनके घर में आर्थिक समृद्धि आए। मौके पर सिंदरी विधानसभा विधायक इंद्रजीत महतो की पत्नी तारा देवी ने भी संबोधित किया गया। सहायक निदेशक हस्तशिल्प भुवन भास्कर ने वर्कशेड बनाने हेतु सांसद एवं उपायुक्त से अनुरोध किया, बलियापुर प्रखण्ड के घोंघाबाद और बेलगरिया में प्रशिक्षण पश्चात बांस शिल्प का उत्पादन किया जा रहा है। संचालन विकास कुमार, प्रशिक्षण अधिकारी ने किया। मौके पर देवघर , जामताड़ा, धनबाद और बोकारो से आए हुए कुल 42 आदिवासी हस्तशिल्पी एवं विभिन्न विभागों के अधिकारीगण व प्रतिनिधियों ने सहभागिता किया। कार्यशाला में 100 से अधिक बांस शिल्प बनाने वाली एस टी शिल्पियों ने भाग लिया।