Emergency 50 Years Resolution: मोदी सरकार ने आपातकाल के 50 वर्ष पूरे होने पर कैबिनेट में प्रस्ताव पारित कर पीड़ितों को दी श्रद्धांजलि, कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने पलटवार करते हुए कहा – “देश में पिछले 11 वर्षों से अघोषित आपातकाल जारी है”
Emergency 50 Years Resolution: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में आपातकाल (Emergency) के 50 साल पूरे होने पर एक विशेष प्रस्ताव पारित किया गया। बैठक में आपातकाल के दौरान लोकतंत्र की रक्षा में संघर्ष करने वाले लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए दो मिनट का मौन रखा गया। केंद्र सरकार ने इसे “संविधान हत्या दिवस” के रूप में चिन्हित किया है।
कांग्रेस का पलटवार: नाटक और भटकाव का प्रयास
सरकार के इस कदम पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने तीखा हमला करते हुए कहा कि, “महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और आर्थिक बदहाली” पर मोदी सरकार के पास कोई जवाब नहीं है, इसलिए वह इतिहास के मुद्दों को उठाकर जनता का ध्यान भटकाना चाहती है।
खड़गे ने कहा, “जो लोग आज संविधान बचाने की बात कर रहे हैं, वे खुद संविधान के निर्माण और आजादी के आंदोलन से कोसों दूर रहे हैं। यही लोग पहले रामलीला मैदान में संविधान जलाते रहे हैं क्योंकि उन्हें उसमें ‘मनुस्मृति के तत्व’ नहीं दिखे।”
‘संविधान दिवस’ या ‘राजनीतिक स्टंट’?
कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने राज्यों को सर्कुलर जारी कर आपातकाल की वर्षगांठ को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाने का निर्देश दिया है। खड़गे ने कहा, “यह एक अतीत को उछालने की कवायद है, ताकि वर्तमान के असली मुद्दों से जनता की नजर हटाई जा सके।”
उन्होंने आरोप लगाया कि देश में पिछले 11 साल से ‘अघोषित इमरजेंसी’ लागू है, जहां अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, संस्थाओं की स्वायत्तता और विपक्ष की भूमिका पर हमला किया जा रहा है।
सियासी जंग में आपातकाल फिर केंद्र में
आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर सरकार और विपक्ष के बीच नए सिरे से वैचारिक टकराव देखने को मिला है। सरकार जहां इस दिन को लोकतंत्र के इतिहास का काला अध्याय मानती है, वहीं कांग्रेस इसे राजनीतिक रूप से प्रेरित हथकंडा बता रही है।