FCIIL Quarter Eviction Notice | BCCL Official Statement | Sindri Housing Dispute
FCIIL Quarter Dispute SINDRI: राँगामाटी एफसीआईएल क्वार्टर विवाद में नया मोड़ तब आया जब बीसीसीएल सिंदरी ने स्पष्ट किया कि उनके कोई भी कर्मचारी अब इन क्वार्टरों में नहीं रहते और कंपनी की कोई बकाया देनदारी नहीं बनती। इसके बाद एफसीआईएल ने अवैध रूप से रह रहे लोगों को 15 दिनों के अंदर क्वार्टर खाली करने का नोटिस थमा दिया।
बीसीसीएल की चिट्ठी के बाद एफसीआईएल ने कसा शिकंजा
बीसीसीएल द्वारा एफसीआईएल को भेजे गए आधिकारिक पत्र में बताया गया कि राँगामाटी स्थित 582 क्वार्टर अब उनके किसी भी कर्मचारी द्वारा अधिकृत नहीं हैं और सभी आवास खाली माने जाएं। इस पत्र के आधार पर एफसीआईएल ने सभी रहवासियों को नोटिस जारी कर दिया, जिसमें कहा गया कि यदि 15 दिनों में क्वार्टर खाली नहीं किया गया, तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
नोटिस से मचा हड़कंप, सड़क पर उतरे लोग
नोटिस मिलने के बाद 582 क्वार्टरों में रह रहे लोग सड़कों पर उतर आए। सैकड़ों सिंदरीवासियों ने एफसीआईएल गेट पर विरोध प्रदर्शन किया और “मैनेजमेंट हाय-हाय” के नारे लगाए। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि वे क्वार्टर खाली नहीं करेंगे और मैनेजमेंट की तानाशाही नहीं सहेंगे।
अधिकारियों को सौंपा ज्ञापन, लोजपा नेता भी समर्थन में उतरे
प्रदर्शन के दौरान आंदोलनकारियों के प्रतिनिधि संतोष पासवान ने भूमि संपदा अधिकारी देवदास अधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए क्वार्टर न खाली करवाने की अपील की। वहीं लोजपा नेता शैलेन्द्र नाथ दुबेदी ने एफसीआईएल मैनेजमेंट की आलोचना करते हुए कार्रवाई को रोकने की मांग की।
एफसीआईएल का पक्ष: नई स्कीम की संभावनाएं, 25% आवेदन जरूरी
एफसीआईएल की प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीपी कोर्ट के अधिकारी एस.के. दत्ता ने जानकारी दी कि अब तक केवल 22 लोगों ने ‘एम्नेस्टी स्कीम’ के तहत आवेदन किया है। उन्होंने बताया कि यदि कम-से-कम 25% लोग आवेदन करें, तो मैनेजमेंट लचीली शर्तों के साथ नई स्कीम लाने पर विचार कर सकता है।
क्वार्टर निवासियों की व्यथा
क्वार्टर में रह रहे लोगों ने बताया कि वे वर्षों से वहां निवास कर रहे हैं, उनके माता-पिता को बीसीसीएल ने यहां रखा था। आज वे मजदूरी, दुकानदारी या खोमचे से गुजारा कर रहे हैं। ऐसे में भारी रकम जमा कर नए सिरे से क्वार्टर लेना उनके लिए संभव नहीं है।
📌 निष्कर्ष
राँगामाटी एफसीआईएल क्वार्टर विवाद फिलहाल असमंजस की स्थिति में है। एक तरफ नोटिस थमाकर खाली करवाने की कार्रवाई हो रही है, वहीं दूसरी तरफ मैनेजमेंट नई योजना की संभावना भी जता रहा है। आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर मजदूर संगठनों और रहवासियों की रणनीति तय करेगी कि यह विवाद किस दिशा में जाएगा।