Illegal Coal Mining in Kharkhari | CISF और Colliery Management की चुप्पी से गोरखधंधे को मिल रहा संरक्षण
Illegal Coal Mining in Kharkhari | झारखंड के बाघमारा अनुमंडल स्थित खरखरी ओपी क्षेत्र में इन दिनों अवैध कोयला खनन अपने चरम पर है। पड़ुआबिठा, सोनानगर (कुटकुटिया पट्टी) और खिलानधौड़ा जैसे गांव अवैध कारोबारियों के लिए ‘सेफ जोन’ बनते जा रहे हैं। इस पूरे मामले में सुरक्षा बल CISF और कोलियरी प्रबंधन की चुप्पी से कई सवाल उठने लगे हैं, वहीं खरखरी ओपी प्रभारी को बदनाम करने की साजिश भी सामने आ रही है।
Outsourcing के नाम पर खुलेआम कोयला निकासी
जानकारी के अनुसार, अवैध कारोबारी दो-दो पीसी मशीनों की मदद से ओपन कास्ट खदानों का मुहाना खोलकर दिनदहाड़े कोयला निकाल रहे हैं। यह गतिविधि किसी ठेकेदार की तरह सुनियोजित तरीके से की जा रही है, जिससे रोज़ाना ट्रकों के माध्यम से भारी मात्रा में कोयला अवैध डिपो से बाहर भेजा जा रहा है।
CISF और प्रबंधन की निष्क्रियता से बढ़ा धंधेबाजों का मनोबल
स्थानीय लोग लगातार आरोप लगा रहे हैं कि अवैध कोयला से भरे ट्रक खरखरी ओपी से महज कुछ ही दूरी पर खुलेआम गुजरते हैं, लेकिन न तो CISF कोई कार्रवाई कर रही है और न ही कोलियरी प्रबंधन हस्तक्षेप कर रहा है। इससे धंधेबाजों के हौसले बुलंद हैं और कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
खरखरी ओपी प्रभारी को बदनाम करने की सुनियोजित साजिश
इन हालातों के बीच यह भी सामने आ रहा है कि अवैध कारोबारी अब कानून के ईमानदार अफसरों को बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं। विशेषकर खरखरी ओपी प्रभारी को टारगेट कर फर्जी आरोपों और अफवाहों के जरिए उनकी छवि धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि अवैध कार्यवाही से बचा जा सके।
निष्कर्ष
अवैध कोयला खनन की इस सुनियोजित श्रृंखला पर रोक लगाने के लिए अब प्रशासन और खनन विभाग की सक्रियता आवश्यक हो गई है। जनता का भरोसा तभी बहाल होगा जब दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो और ईमानदार अधिकारियों को संरक्षण मिले। अगर अब भी प्रशासन मौन रहा, तो यह न सिर्फ कानून व्यवस्था बल्कि शासन की साख पर भी गहरी चोट होगी।