Indian Cow Protection: प्रदेशभर से जुटे गौ सेवक, गोवंश संरक्षण को लेकर हुई व्यापक चर्चा

Indian Cow Protection: श्री गंगा गौशाला प्रांगण में विश्व हिंदू परिषद गौ रक्षा विभाग के तत्वावधान में भारतीय गौवंश रक्षण परिषद झारखंड प्रदेश की दो दिवसीय बैठक का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम का पहला दिन गो माता के महत्व और उनकी रक्षा के संकल्प के साथ प्रारंभ हुआ, जिसमें विभिन्न जिलों से आए गौ सेवकों ने सहभागिता की।
कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक धार्मिक विधि से हुई, जिसमें अतिथियों ने भगवान राधा-कृष्ण की तस्वीर पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित किया। सभी अतिथियों और सदस्यों का स्वागत अंगवस्त्र और बैग भेंट कर किया गया। इस आयोजन ने न केवल गौ संरक्षण पर जागरूकता बढ़ाने का कार्य किया बल्कि गोसेवा को सामाजिक उत्तरदायित्व के रूप में प्रस्तुत किया।
गौ माता की सेवा हमारा कर्तव्य: चंद्रकांत राय
संगठन के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत राय पत ने अपने संबोधन में गौ माता के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि जो गाय हमें और हमारे बच्चों को दूध देकर पोषण देती है, उसकी सेवा करना हमारा धर्म है। उन्होंने किसानों को जैविक खेती की ओर प्रेरित करते हुए बताया कि गाय के गोबर और मूत्र से औषधीय उत्पादों के साथ-साथ उच्च गुणवत्ता वाली जैविक खाद तैयार होती है, जिससे भूमि की उर्वरता बढ़ती है।
गोवंश की रक्षा के लिए एकजुटता जरूरी
बैठक में प्रदेश भर से आए कार्यकर्ताओं और संगठन के प्रमुख सदस्यों ने गोवंश संरक्षण से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। सभी ने यह सहमति जताई कि गायों की रक्षा केवल किसी संगठन का नहीं, बल्कि पूरे समाज का उत्तरदायित्व है। बैठक में प्रदेश संगठन मंत्री देवी सिंह, बजरंग दल के प्रदेश संयोजक रंगनाथ महतो, कमलेश सिंह, मनोज पोद्दार, सुरेंद्र अग्रवाल, महेश अग्रवाल, कृष्ण कन्हैया राय, दीपक अग्रवाल, द्वारका प्रसाद तिवारी सहित कई गणमान्य सदस्य उपस्थित रहे।
जिला स्तर पर भी सक्रियता की योजना
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि गौ रक्षा अभियान को जिला स्तर पर और अधिक सक्रिय किया जाएगा। बजरंग दल व स्थानीय गौ रक्षा दलों को साथ लेकर व्यापक जनजागरूकता अभियान चलाया जाएगा, ताकि आम नागरिकों को गौ माता के संरक्षण व महत्व के प्रति संवेदनशील बनाया जा सके।
यह बैठक एक सामाजिक चेतना अभियान के रूप में सामने आई है, जो भारतीय परंपरा, जैविक जीवनशैली और पर्यावरण संतुलन के लिए गोवंश की भूमिका को मजबूती से प्रस्तुत करती है।