Karl Marx Jayanti Seminar: सिंदरी में माकपा द्वारा आयोजित संगोष्ठी में विचारों का हुआ आदान-प्रदान

सिंदरी में माकपा द्वारा आयोजित संगोष्ठी में विचारों का हुआ आदान-प्रदान

सिंदरी में माकपा द्वारा आयोजित संगोष्ठी में विचारों का हुआ आदान-प्रदान

Karl Marx Jayanti Seminar: कार्ल मार्क्स को श्रद्धांजलि अर्पित कर मनाई गई जयंती

Karl Marx Jayanti Seminar: कार्ल मार्क्स की 208वीं जयंती के अवसर पर सीपीआई (एम) सिंदरी कमिटी की ओर से एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत मार्क्स के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि देने के साथ हुई। इस अवसर पर वक्ताओं ने कार्ल मार्क्स के विचारों और सिद्धांतों की प्रासंगिकता पर विस्तार से चर्चा की।

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कार्ल मार्क्स: मानव मुक्ति के सबसे बड़े विचारक

माकपा नेता संतोष कुमार महतो ने कहा कि जर्मनी में जन्मे कार्ल मार्क्स केवल एक दार्शनिक नहीं, बल्कि विश्व सर्वहारा वर्ग के मार्गदर्शक और शिक्षक भी थे। उन्होंने समाज को मुनाफा-केन्द्रित व्यवस्था से निकालकर मानव केंद्रित समाजवादी व्यवस्था की ओर ले जाने का मार्ग दिखाया।

वैज्ञानिक समाजवाद के सिद्धांतकार

लोकल कमिटी के सचिव विकास कुमार ठाकुर ने कहा कि कार्ल मार्क्स न्यायपूर्ण समाज की आधारशिला हैं। वे एक ऐसे चिंतक थे जिन्होंने वैज्ञानिक समाजवाद की अवधारणा को जन्म दिया, जो आज भी सामाजिक और आर्थिक न्याय की दिशा में प्रेरणा देता है। उनका दर्शन द्वंद्वात्मक भौतिकवाद पर आधारित था, जो मानता है कि दुनिया में हर परिवर्तन संघर्ष के माध्यम से आता है।

संगोष्ठी में विभिन्न वक्ताओं ने रखे विचार

इस संगोष्ठी की अध्यक्षता सिंदरी शाखा दो के सचिव सूर्य कुमार सिंह ने की। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से जिला कमिटी के सचिव मंडल सदस्य संतोष कुमार महतो, लोकल कमिटी सचिव विकास कुमार ठाकुर, रानी मिश्रा, उपासी महताइन, राज नारायण तिवारी, सुबल चंद्र दास, मिठू दास, अनिल शर्मा, नरेंद्र नाथ दास, सविता देवी, राम लाल महतो सहित कई कार्यकर्ता और स्थानीय नागरिक मौजूद रहे।

निष्कर्ष

कार्ल मार्क्स की जयंती के अवसर पर आयोजित यह संगोष्ठी न केवल उनके विचारों को पुनः स्मरण करने का एक माध्यम बनी, बल्कि आज के सामाजिक परिवेश में मार्क्सवादी विचारधारा की उपयोगिता पर भी सार्थक विमर्श हुआ। यह कार्यक्रम इस बात का प्रमाण है कि उनके विचार आज भी समाज को दिशा देने में सक्षम हैं।