Katras News: जमीन विवाद को लेकर हुआ विरोध, दो दिनों की मोहलत पर बनी सहमति
Katras News: नामामि गंगे योजना के तहत कतरास के रामपुर में बहने वाली कतरी नदी में अवरोधन और डायवर्जन का कार्य गुरुवार को प्रारंभ किया गया, लेकिन स्थानीय ग्रामीणों ने इसे रैयती जमीन का हवाला देते हुए विरोध के साथ काम को रोक दिया। मध्य प्रदेश की कंपनी विश्वराज को हुडको द्वारा सौंपे गए इस प्रोजेक्ट को लेकर पहले दिन ही विवाद खड़ा हो गया।
कंपनी के लोग जैसे ही नदी में डायवर्जन का कार्य शुरू करने पहुंचे, बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंच गए और कार्य को बंद करा दिया। स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने तत्काल भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया। मौके पर बाघमारा के अंचल अधिकारी (सीओ) और कतरास थाना प्रभारी भी पहुंचे और ग्रामीणों से वार्ता की।
ग्रामीणों ने बताया कि जिस भूमि पर कार्य किया जा रहा है, वह उनकी निजी (रैयती) जमीन है, और बिना पूर्व सूचना या मुआवजा दिए कोई कार्य स्वीकार नहीं होगा। वार्ता के बाद प्रशासन ने दो दिनों की मोहलत लेते हुए फिलहाल विवादित जमीन को छोड़ अन्य सरकारी भूमि पर कार्य शुरू करवाया।
बताया गया कि यह परियोजना नामामि गंगे के तहत स्वीकृत है, जिसका उद्देश्य नदी में प्रदूषण नियंत्रण और जलप्रवाह को सुव्यवस्थित करना है। लेकिन जमीन की स्वामित्व स्थिति स्पष्ट नहीं होने के कारण शुरुआती दिन ही असहमति का सामना करना पड़ा।
अब सभी की निगाहें अगले दो दिनों की वार्ता और समाधान की ओर टिकी हैं। अगर समाधान नहीं निकलता है तो परियोजना में देरी के आसार बढ़ सकते हैं। ग्रामीणों का साफ कहना है कि वे विकास के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन उनकी भूमि पर कार्य बिना स्वीकृति नहीं होने देंगे।