केंद्र सरकार ने राजनीतिक साजिश का शिकार होकर आदिवासी मुख्यमंत्री को भिजवाया था जेल:एके झा

धनबाद: राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर यूनियन के महामंत्री एके झा ने कहा कि हम उच्च न्यायालय झारखंड का सम्मान करते हैं। उन्होंने झारखंड के निर्वाचित मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को रिहा करने का आदेश जारी किया। अपने आदेश में उच्च न्यायालय ने इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर ED द्वारा लगाए गए मनी लांड्रिंग के आरोप का उनके पास कोई ठोस सबूत उपलब्ध नहीं था। हम अपनी यूनियन की ओर से फेडरेशन और इंटक की ओर से उच्च न्यायालय के प्रति आभार प्रकट करते हैं।

श्री झा ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार किसी सरकार ने राजनीतिक साजिश का शिकार होकर एक आदिवासी मुख्यमंत्री को बिना किसी प्रमाण के संवैधानिक व्यवस्था को दरकिनार करते हुए गिरफ्तार करने का काम किया। भारतीय संविधान, भारत के लोकतांत्रिक व्यवस्था और पुरानी परंपरा को देखते हुए यह निर्णय ही दुखद था। संसदीय चुनाव के पूर्व एक निर्वाचित मुख्यमंत्री को जेल में भेजना, उसे 4 करोड़ जनता से बाहर रखना, खासकर ऐसे शोषित, पीड़ित, दलित, अल्पसंख्यक, कमजोर तबके के लोगों को न्याय से वंचित करने का काम किया गया।

झारखंड की जनता में अपने नेता के प्रति काफी बड़ा विश्वास है, भरोसा है। हेमंत सोरेन को व्यक्तिगत रूप से काफी कष्ट पहुंचा, लेकिन उन्होंने अंत तः यह साबित कर दिया कि आखिर सत्य की विजय होती है। यही हमारी भारतीय परंपरा है।श्री झा ने कहा कि कोयला मजदूर परिवार सहित झारखंड की आम जनता, नौजवान सभी तबके के लोग माननीय उच्च न्यायालय के इस निर्णय से बेहद खुश हैं और हम उम्मीद करते हैं कि हेमंत सोरेन झारखंड और देश के आदिवासियों सहित कमजोर वर्ग के लोगों की आवाज को मजबूत करेंगे। इंडिया गठबंधन को मजबूत करेंगे और देश के वर्तमान संविधान को बचाने की दिशा में अपने संकल्प के अनुसार मजबूती से निष्ठा से काम करते रहेंगे।