गुरु गोबिंद सिंह जी के जीवन, शिक्षाओं और खालसा पंथ के आदर्शों को समर्पित श्रद्धामय आयोजन
Sindri News || श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का जीवन बलिदान, मानवता की सेवा, और धर्म की रक्षा का आदर्श उदाहरण है। उन्होंने खालसा पंथ की स्थापना कर सिख धर्म में अनुशासन और साहस का अद्वितीय संदेश दिया। गुरु जी ने “सवा लाख से एक लड़ाऊं” का नारा देकर निर्भीकता और एकता का अद्वितीय आदर्श प्रस्तुत किया। उनकी शिक्षाएं हमें सत्य, धर्म और मानवता की सेवा का मार्ग दिखाती हैं।
समारोह का सारांश:
12 जनवरी 2025 को श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के 358वें प्रकाश पर्व को सिख संगत ने पूरी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया।
- कार्यक्रम की शुरुआत: सुबह 7 बजे आसा दी वार के कीर्तन से हुई, जिससे संगत ने आत्मिक शांति प्राप्त की।
- निशान साहिब दी सेवा: स० मनजीत सिंह उप्पल और उनके परिवार की ओर से 8 बजे आयोजित की गई, जो सिख धर्म में सेवा और निष्ठा का प्रतीक है।
- विशेष कीर्तन दीवान: सुबह 11 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक रागी जत्थों ने मधुर गुरबाणी प्रस्तुत की।
- अरदास और लंगर: कीर्तन के बाद संगत ने अरदास की और गुरु का अटूट लंगर का आयोजन किया गया।