विश्वकर्मा । विश्वकर्मा पूजा प्रत्येक वर्ष 17 सितंबर को भारत देश में धूमधाम से मनाई जाती है। विश्वकर्मा पूजा के दिन लोग कार्य-व्यापार में तरक्की और घर में सुख-समृद्धि के लिए विश्वकर्मा पूजा करते हैं। इस दिन लोहे के समानों, मशीनों और दुकानों की पूजा होती है ताकि काम में आ रही अड़चने दूर हों और कार्यों में सफलता मिले।
विश्व को कर्म प्रदान करने वाले भगवान विश्वकर्मा की पूजा जिले में मंगलवार को धूमधाम से मनाई गई। विश्वकर्मा पूजा को लेकर सुबह से ही लोगों में उत्साह रहा। फल व मिठाइयों की खरीदारी के लिए दिन भर बाजारों में भीड़ जमा रही। विश्वकर्मा पूजा को लेकर लोगों ने अपने-अपने वाहनों की साफ-सफाई कर उनकी पूजा अर्चना की, एवं मिठाइयों भी बांटी। इधर लोहा पार्ट्स की दुकान, डेकोरेशन, आरा मशीन, आटा चक्की मशीन सहित अन्य छोटे-बड़ी सभी दुकानों में भी विश्वकर्मा की पूजा अर्चना की गई। इन जगहों पर शाम में पंडितों द्वारा पूजा अर्चना कराई गई, साथ ही श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद का वितरण किया गया।
कई जगहों पर बैठाई गई भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा :
महुदा के कई इलाकों में भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा बैठाई गई। बीसीसीएल , वाशरी तथा अन्य स्थानो में भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा बैठाई गई। यहां लाइट व रंग-बिरंगी रोशनी से पूजा पंडाल जगमग कर रहे थे। वहीं भक्ति गीतों से पूरा माहौल भक्तिमय हो उठा।
रिपोर्टर चंदन तिवारी अनुसार क्षेत्र के शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में निर्माणकर्ता भगवान विश्वकर्मा की पूजा हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुई। इस दौरान कॉलेजो , स्कूलो सहित अन्य छोटे प्रतिष्ठानों में कामगारों व प्रबंधकों द्वारा भगवान विश्वकर्मा की पूजा-अर्चना की गई।