Water Crisis in Chhatabad | मोटर पंप खराबी से ठप पिट वाटर सप्लाई, ग्रामीणों का फूटा गुस्सा
Water Crisis in Chhatabad | आकाशकिनारी कोलियरी में तकनीकी गड़बड़ी बनी जल संकट की वजह
Water Crisis in Chhatabad | कतरास के छाताबाद क्षेत्र में पानी की आपूर्ति बाधित (Water Supply Disruption) होने से स्थानीय ग्रामीणों का गुस्सा बुधवार को फूट पड़ा। न्यू आकाशकिनारी कोलियरी के मोटर पंप में तकनीकी खराबी के कारण पिछले दो दिनों से पिट वाटर की आपूर्ति पूरी तरह से ठप है। इससे छाताबाद, आकाशकिनारी बस्ती, ईस्ट कतरास, कैलूडीह और काजूबागान सहित करीब 11 हजार की आबादी बुरी तरह प्रभावित हुई है।
ग्रामीणों ने GTS आउटसोर्सिंग की ट्रांसपोर्टिंग को किया ठप
जल संकट से परेशान ग्रामीणों ने न्यू आकाशकिनारी कोलियरी के अंतर्गत संचालित GTS आउटसोर्सिंग कंपनी की ट्रांसपोर्टिंग को पूरी तरह से रोक दिया। वे ईस्ट कतरास के समीप धरने पर बैठ गए और कोलियरी प्रबंधन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। यह आंदोलन तब तक जारी रहा जब तक समस्या के समाधान का आश्वासन नहीं मिला।
पुलिस और CISF ने किया समझाने का प्रयास, पीओ मौके पर पहुंचे
घटना की जानकारी मिलते ही कतरास पुलिस और CISF के जवान मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास किया। हालांकि ग्रामीण अपनी मांगों पर अड़े रहे। इसके बाद परियोजना पदाधिकारी (PO) आईक्यू खान मौके पर पहुंचे और जल्द जलापूर्ति बहाल करने का आश्वासन दिया। अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद प्रदर्शन समाप्त हुआ।
तीन में से केवल एक पंप है चालू, गहराया जल संकट
ग्रामीणों ने बताया कि न्यू आकाशकिनारी कोलियरी में लगे तीन सबमर्सिबल पंपों में से केवल एक पंप चालू हालत में है, जिससे पूरे इलाके में पानी की आपूर्ति बाधित हो गई है। इस स्थिति में महिलाओं और बच्चों को सबसे ज्यादा कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
निष्कर्ष
छाताबाद में जल संकट: तकनीकी खराबी के बीच संघर्ष और समाधान की उम्मीद
छाताबाद में पानी की समस्या ने एक बार फिर यह दिखा दिया है कि बुनियादी सुविधाओं की अनदेखी किस तरह जनआक्रोश को जन्म देती है। हालांकि ग्रामीणों के विरोध के बाद प्रशासन ने समस्या के समाधान का भरोसा दिलाया है, लेकिन यह भी जरूरी है कि भविष्य में ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न ही न हों। जल आपूर्ति जैसी जरूरी सेवा के लिए पुख्ता और वैकल्पिक व्यवस्था की आवश्यकता है, ताकि आमजन को बार-बार संकट का सामना न करना पड़े।