खान सुरक्षा निदेशक अनिल कुमार दास ने शून्य दुर्घटना क्षति के साथ उत्पादन करने पर बल दिया. उन्होंने उत्पादन के दौरान कोई भी जोखिम नहीं उठाये. जान माल की सुरक्षा के साथ उत्पादन करे. महाप्रबंधक जीसी साहा एवं अपर महाप्रबंधक यूके सिंह ने कमेटी के सदस्यों के सामने सुरक्षा के साथ किया जा रहे उत्पादन की विस्तार पूर्वक जानकारी दी.
बेरोजगार मजदूरों कि और से मो रहमान व अन्य मजदूरों ने बताया कि कंपनी में रोजगार को लेकर 1 साल से सभी ने एक साथ रिज्यूम डाला था जिसमें कुछ लोगों की नौकरी लग गई जिनकी नौकरी लगी वह किसी के बहकावे में आकर एचपीसीके तहत वेतन भुगतान की मांग कर रहे हैं
15 जनवरी से पहले तीनों महापुरुषों की प्रतिमाओं को फिर से स्थापित नहीं की जाती तो 20 जनवरी को धनबाद के हजारों की संख्या में भीम आर्मी कार्यकर्ता रांची पहुंचकर मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे।
उपायुक्त ने आज अपने कार्यालय कक्ष में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की और चिकित्सकों की समस्याओं को सुना। समस्याओं को सुनने के बाद उन्हें सुरक्षा प्रदान करने का आश्वासन दिया।बैठक में वरीय पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार भी मौजूद थे।
मुआयना किया और कहा कि आज माइंस में जो भी कमियां, खामियां हैं उसे देखने आए हैं सुरक्षा एवं उत्पादन में जो त्रुटियां मिली है उसे उच्च प्रबंधन को अवगत कराएंगे हमारा प्रयास रहेगा की सुरक्षित ढंग से कोयला का उत्पादन हो,नियमित जल छिड़काव करने की बात कही सुरक्षा में पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने से चिंता जताई और कहा कि सुरक्षा में चूक होने के कारण ही खदानों में दुर्घटना घटती है।
डॉ.पुष्पा कुमारी ने कहा कि भाषा चाहे कोई भी मुझे उस भाषा का साहित्य को पढ़ना बहुत अच्छा लगता है । कुछ ही दिन पहले डॉ मुकुंद रविदास की कविता संग्रह "कोयला आर माटी "की सभी कविताओं को पढ़ गई। बहुत सहज ,सरल ,झारखंड की संस्कृति , उनकी संवेदनाओ को जानने का अवसर मिला। डॉ भगवान पाठक ने कहा की विश्वविद्यालय में खोरठा भाषा पर पहला कार्यक्रम हो रहा है ।
8 लेन सड़क के ऊपर से पार किया गया जिसके बाद बिजली के तार रोड के ऊपर गिर गया इस कारण आवागमन बंद हो गई। जहां पर बिजली के तार गिरी थी उसके सामने ही पेट्रोल से भरा टैंकर चपेट में आने से बाल-बाल बचा। ड्राइवर के सूझबूझ के कारण गाड़ी रोक लिया गया और हादसा होने से बच गया तब तक सड़क पर लंबी कतार गाड़ियों की लग चुकी थी।
स्वामी धनंजयानंद जी ने मीडिया को बताया कि समाज में धर्म के नाम पर फैल रही अराजकता पाखंड को दूर कर भगवान की शाश्वत भक्ति हेतु प्रेरित करना समाज का दायित्व है। भारत से विलुप्त हो रही देसी गाय के संरक्षण संवर्धन के लिए संस्थान ने कामधेनु प्रकल्प चलाया जहां भारत के चार प्रमुख नस्ल साहीवाल, थारपारकर, गर और कांकरेज जैसी गायो के पालन हेतु अनेक गौशाला का निर्माण किया जा रहा है तथा समाज का अपने देसी गाय के गुणवत्ता को बताया जाता है ताकि समाज पुनः भारतीय नस्ल के गायो को पाले। इन गायों का दूध पौष्टिक व बलवर्धक होता है।