
DHANBAD | पर्यटन, कला संस्कृति विभाग झारखंड सरकार के सौजन्य से राजकीय श्रावणी मेला मयूराक्षी मंच बासुकीनाथ व शिवलोक मंच देवघर में कला निकेतन भूली के निर्देशक बशिष्ठ प्रसाद सिन्हा के निर्देशन में ‘शिवलीला’ व शैव्या सहाय (एनएसडी पास) के निर्देशन में ‘महिषासुर मर्दनी’ नाटक का मंचन किया गया. शिव लीला नाटक में भोलेनाथ द्वारा चिता भस्म लगाने के क्रम में प्राप्त मानव अस्थि से भस्मासुर को उत्पन्न किया और उसे यह वरदान प्राप्त हुआ कि वह जिसके सिर पर हाथ रखेगा, वह जलकर भस्म हो जाएगा. फिर वह वरदान का अनुचित उपयोग करने लगा. लोभ में उसने भगवान भोलेनाथ को ही भस्म कर देवी पार्वती को अपनी अर्धांगिनी बनाना चाहा. ‘महिषासुर मर्दनी’ नाटक में ब्रह्मा से वरदान प्राप्त कर महिषासुर ने देवी-देवताओं, ऋषि -मुनियों व समस्त जगत के प्राणियों के बीच उत्पात मचाना शुरू कर दिया. तब देवी पार्वती क्रोधाभिभूत होकर दुर्गा रूप धारण करती हैं और सभी देवताओं से अस्त्र -शस्त्र मांगकर महिषासुर का वध कर देती हैं. दोनों नाटकों में भक्ति भाव का संचार, ईश्वर में आस्था, पापकर्मों के सभी बंधनों से मुक्ति, आस्था आदि का सकारात्मक संदेश दिया. लोगों ने तालियों की गड़गड़ाहट से कलाकारों के उत्साह को दुगुना कर दिया.
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