Tuesday, September 17, 2024
Homeधनबादबैंक मोड़ में अनुवा अकादमी ऑफ फाइन आर्ट्स के बैनर तले एक...

बैंक मोड़ में अनुवा अकादमी ऑफ फाइन आर्ट्स के बैनर तले एक दिवसीय कला शिविर का किया गया आयोजन

धनबाद: अनुवा अकादमी ऑफ फाइन आर्ट्स, बैंक मोड़, धनबाद में एक दिवसीय कला शिविर (कवि प्रणाम) के माध्यम से कविगुरु रबीन्द्रनाथ टैगोर को श्रद्धांजलि दी गई। कला शिविर में अकादमी के 80 छात्रों, कक्षा एक से ओपन टू आल द्वारा 80 कलाकृतियाँ प्रदर्शित की गईं, जिसमें जल – रंग, तेल-रंग, ऐक्रेलिक, आयल पस्टेल के माध्यम से चित्र बनाइये गए | पोस्ट किया गया: 12 मई 2024 सुबह 7:00 बजे एएएफए, धनबाद द्वारा।धनबाद अनुवा अकादमी ऑफ फाइन आर्ट्स, बैंक मोड़, धनबाद में जो उच्च गुणवत्ता के लिए इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन फॉर स्टैंडर्डाइजेशन (ISO) 9001-2015 प्रमाणपत्र से नवाजा गया है। एक दिवसीय कला शिविर के माध्यम से कविगुरु रबीन्द्रनाथ टैगोर को उनकी 163वीं जयंती वर्ष पर श्रद्धांजलि अर्पित किया गया है। अकादमी के अध्यक्ष श्रीमती अनुवा घोष ने सर्वप्रथम कविगुरु रबीन्द्रनाथ टैगोर जी के तस्वीर पर पुष्प अर्पित एवं दीप प्रज्ज्वलित कर श्रद्धांजलि दी गई | रबिन्द्र जयंती के इस कला शिविर को नौ खंडों (पक्षी और जानवर, सुलेख और रेखाचित्र, महाकाव्य मिथक और लोक पंथ, कृष्ण लीला, कवि गुरु का जीवन, माँ और बच्चे, चित्र और परिदृश्य, संथाल, ग्रामीण जीवन और महिलाएं) में दर्शाया गया है| अनुवा अकादेमी ऑफ़ फाइन आर्ट्स के प्रतिभागियों के संग्रह से 80 कलाकृतियों को दर्शाती हैं। कवि गुरु की संपूर्ण कला कृतियों का यह कला शिविर निश्चित रूप से कला प्रेमियों को समृद्ध करेगा। अनुवा अकादमी के निदेशक, डॉ. विक्टर घोष ने कहा, इसलिए, उनकी 163वीं जयंती वर्ष पर, अकादमी ने छात्र – छात्राओं के आनंद के लिए इस कला शिविर के माध्यम से कवि गुरु के जीवन और कला कार्यों को प्रस्तुत करता है। मुझे आशा है कि छात्राओं को निश्चित रूप से इन कलाकृतियों के माध्यम से रंगीन यात्रा का आनंद ले रहे होंगे। अनुवा अकादमी ऑफ़ फाइन आर्ट्स (एएएफए), धनबाद द्वारा संकल्पित, रचनात्मक और आयोजित इस तरह के कला शिविर बनाने का यह 24वां सबसे बड़ा प्रयास है। अकादमी के निदेशक डॉ. विक्टर घोष ने कहा, एक बंगाली बहुश्रुत बंगाल पुनर्जागरण के दौरान कवि, लेखक, नाटककार, संगीतकार, दार्शनिक, समाज सुधारक और चित्रकार के रूप में सक्रिय थे। उन्होंने 19वीं सदी के अंत और 20वीं सदी की शुरुआत में प्रासंगिक आधुनिकतावाद के साथ बंगाली साहित्य और संगीत के साथ-साथ भारतीय कला को गीतांजलि की “बेहद संवेदनशील, ताजा और सुंदर” कविता के लेखक, साहित्य में नोबेल पुरस्कार जीतने वाले पहले गैर-यूरोपीय और पहले गीतकार बने। टैगोर के काव्य गीतों को आध्यात्मिक और भावपूर्ण माना जाता था | “कवि प्रणाम” कला शिविर आने वाले सभी सफल प्रतिभागियों को अकादमी के अध्यज के द्वारा प्रमाण -पत्र देकर सम्मानित किया गया एवं उनके उज्जवल भविष्य की कामना की | सफल प्रतिभागियों के नाम पहला वर्ग (कक्षा 1 से कक्षा 3 तक) – प्रथम – शीतल कुमारी – I, द्वितीय – शुभम कुमार – II, तृतीया – अनोखी कुमारी -II, दूसरा वर्ग (कक्षा 4 से कक्षा 6 तक) – प्रथम – आशीष कुमार – IV, द्वितीय – रेखा कुमारी -V, तृतीया – मौमिता बैनर्जी- वोतीसरा वर्ग (कक्षा 7 से कक्षा 9 तक) – प्रथम – सुदर्शन कुमार – VIII, द्वितीय – मधुमिता कुमारी -IX, तृतीया – स्नेहाशीस दे – IX, चतुर्थ वर्ग (कक्षा 10 से ओपन टू आल तक)- प्रथम – शिवानी कुमारी – X, द्वितीय -मनीषा कुमारी -XII, तृतीया – राम कुमार – बी. कॉम (सेमेस्टर-II)

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments

888starzpa on 05-10-2023
888starzpa on 01-10-2023
888starzpa on 07-10-2023
MatthewJak on 01-10-2023
MatthewJak on 05-10-2023
MatthewJak on 05-10-2023