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झरिया। समस्त कोयलांचल में विधि विधान के साथ महिलाओं ने किया तुलसी विवाह व्रत। यह व्रत कार्तिक माह के एकादशी तिथि को मनाया जाता है. सुबह से ही महिलाएं उपवास रखते हुए शाम को माता तुलसी के साथ शालिग्राम की पूजा अर्चना कर अपनी व्रत की समाप्ति करती है। हिंदी शास्त्रों अनुशार तुलसी विवाह के समाप्ति के पश्चात समाज में शादी विवाह की शुरुआत हो जाती है। वहीं इस व्रत को करने से भगवान विष्णु माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है और घर मे सुख समृद्धि शांति व धन की प्राप्ति होती है। भगवान विष्णु के प्रतिक सालिग्राम व माता तुलसी के प्रतिक माता लक्ष्मी को माना जाता है, जिसका पुराणों में भी जिक्र है।