झारखंड में अबुआ राज नहीं, बबुआ राज; कमिटी में जगह नहीं देना खोरठा भाषियों का अपमान-विनय तिवारी

धनबाद : फिल्म डेवलपमेंट काउंसिल ऑफ़ झारखंड का गठन किया हैं। जिसमें लगभग 19 ऐसे लोगों को सदस्य बनाया गया है। जो फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े हैं। लेकिन, एक भी खोरठा भाषी कलाकारों को जगह नहीं देना करोड़ों खोरठा भाषियों का अपमान हैं। जिस पर विरोध जताते हुए खोरठा गीतकार विनय तिवारी ने रोष व्यक्त किया हैं। उनका कहना है कि झारखंड में अबुआ राज नहीं, बल्कि बबुआ राज है। जबकि, मंत्री हफीजुल हसन स्वयं खोरठा भाषी है और कमिटी में खोरठा भाषी कलाकारों को ही जगह नहीं दिया जाना अपमानजनक हैं। विनय तिवारी का आरोप है कि झारखंड में हमेशा ही झारखंडियों की उपेक्षा होती रही है। चाहे फिल्म कमिटी में जगह न मिलना हो या फिर अन्य क्षेत्र की बात हो। जब कभी भी झारखंडियों के हक अधिकार की बात आती है, तो उनके साथ छल होता है।फिर एक बार झारखंडी कलाकारों के साथ ठगी हुई है। कमिटी में अधिक से अधिक झारखंड के सभी भाषाओं के कलाकारों को जगह देने की जरूरत है। जो इस बार भी संतोषजनक नहीं हैं।इस पर उन्होंने मंत्री से आग्रह किया कि पुनः विचार कर झारखंड के अन्य स्थानीय भाषाओं के कलाकारों को जगह देना चाहिए।

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